साईं प्रसाद मीडिया ग्रुप के न्यूज चैनल न्यूज एक्सप्रेस से खबर है कि आज करीब 123 मीडियाकर्मियों को प्रबंधन ने थ्री प्लस वन के हिसाब से सेलरी देकर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करने पर सहमति जताई है. ऐसा लेबर कोर्ट के आदेश के बाद किया गया. दर्जनों मीडियाकर्मियों ने नोएडा स्थित श्रम विभाग में लिखित शिकायत की थी कि उनका मैनेजमेंट सेलरी नहीं दे रहा जिससे मीडियाकर्मियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. पत्र में कई अन्य बातें भी लिखी गई हैं. दर्जनों मीडियाकर्मियों के हस्ताक्षर वाले इस पत्र के मिलने के बाद श्रम विभाग सक्रिय हुआ और न्यूज एक्सप्रेस प्रबंधन को नोटिस जारी किया. कई तारीखों पर सुनवाई के बाद श्रम विभाग ने आदेश सुनाया कि प्रबंधन 5 जून तक इच्छुक मीडियाकर्मियों का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करके सूचित करे.
इसी आदेश के अनुपालन में न्यूज एक्सप्रेस प्रबंधन की तरफ से आज करीब 123 मीडियाकर्मियों को थ्री प्लस वन के हिसाब से चार महीने की सेलरी देकर उनका फुल एंड फाइनल हिसाब करने के लिए नो ड्यूज फॉर्म भरवाया. इस पूरी कार्रवाई के दौरान प्रबंधन की तरफ से महाराष्ट्र से ट्रांसफर लेकर आए संदीप शुक्ला मौजूद रहे.
ज्ञात हो कि चैनल के एडिटर इन चीफ और सीईओ प्रसून शुक्ला ने प्रबंधन की मीडियाकर्मियों के प्रति बेरुखी और ढेर सारे मदों में पैसे लगातार रोके रखकर परेशान प्रताड़ित करने की नीति से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद प्रबंधन ने संदीप शुक्ला को महाराष्ट्र से नोएडा भेजा. लेकिन संदीप भी बंद पड़े चैनल को चला नहीं पाए. साथ ही लेबर कोर्ट में चल रहे मामले में सक्रिय मीडियाकर्मियों को तोड़ नहीं पाए. अंततः मीडियाकर्मियों ने अपनी एकजुटता के चलते अपना हक हासिल किया और चैनल प्रबंधन से अपना हक़ पाने का आदेश लेबर कोर्ट से पा लिया.
चैनल के भविष्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि चैनल लगभग डेड हो गया है. किसी भी डीटीएच या केबल पर नहीं दिख रहा. पैसे न दिए जाने के कारण सैटेलाइट से भी इसे हटा दिया गया है. सिर्फ इन हाउस यह चल रहा है जिसे सिर्फ मालिक और इनके कर्मचारी लोग देख रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रबंधन की कोशिश बेहद लो कास्ट में चैनल सीमित तरीके से संचालित करने की है. साथ ही उचित पार्टी मिलते ही बेच देने की है. हालांकि चैनल के उपर कई किस्म की देनदारियां हैं जिससे प्रबंधन को उबरना बाकी है.
चैनल के ठीकठाक संचालन के लिए करोड़ों रुपये खर्च होंगे जिसे देने से प्रबंधन आनाकानी कर रहा है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि चैनल को फ्रेंचाइजी मोड में संचालित किया जाएगा. मतलब ये कि हर प्रदेश हर जिले में चैनल को ठेके पर उठा दिया जाएगा. देखना है कि प्रबंधन चैनल संचालन के लिए क्या रुख अख्तियार करता है. लेकिन मीडिया इंडस्ट्री के लोग इस बात पर जरूर आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं कि एक ठीकठाक चलते हुए नेशनल न्यूज चैनल को प्रबंधन ने किस रणनीति के तहत डेड मोड में डाल कर बंटाधार कर दिया. यह भी कहा जा रहा है कि चिटफंड से जुड़े समूहों का मीडिया से मोहभंग होता जा रहा है. इसी कारण एक के बाद एक न्यूज चैनल बाइंडअप हो रहे हैं.
आज फुल एंड फाइनल सेटलमेंट के लिए नो ड्यूज फॉर्म भरने आने के कारण नोएडा स्थित न्यूज एक्सप्रेस के आफिस के सामने काफी गहमागहमी थी. कई कर्मचारी भावुक भी हुए. कइयों ने ग्रुप फोटो खिंचाकर अंतिम निशानी के तौर पर इसे साथ रखा. चैनल प्रबंधन की तरफ से बाउंसर भी बुला लिए गए थे ताकि कर्मचारियों का गुस्सा भड़कने की स्थिति में उनसे निपटा जा सके. चैनल से जुड़े कुछ मीडियाकर्मियों ने भड़ास को मौके की तस्वीरें भेजकर पूरे हालात के बारे में अवगत कराया. देखना है प्रबंधन 5 जून को पैसे देता है या हमेशा की तरह वादाखिलाफी करता है