जवान आत्महत्या : पत्रकार पूनम अग्रवाल यांच्यावर गुन्हा

नाशिक : जवान रॉय मॅथ्यू यांच्या आत्महत्येप्रकरणी पत्रकार पूनम अग्रवाल आणि सेवानिवृत्त लष्करी अधिकारी दीपचंद यांच्यावर गुन्हा दाखल करण्यात आला आहे. रॉय मॅथ्यू यांना आत्महत्येला प्रवृत्त केल्याप्रकरणी दोघांवर गुन्हा दाखल केला आहे.
नाशिकमधील आर्टिलरी सेंटरमध्ये 2 मार्च 2017 रोजी रॉय मॅथ्यू यांचा गळफास घेतलेला मृतदेह कुजलेल्या अवस्थेत बराकमध्ये आढळला होता. 25 फेब्रुवारीपासून ते बेपत्ता होते.
काही दिवसांपूर्वी एका वेबसाईटच्या स्टिंग ऑपरेशनमध्ये मॅथ्यू यांनी बडीज ड्युटीच्या नावाखाली जवानांची अधिकाऱ्यांकडून होणाऱ्या पिळवणुकीबद्दल तक्रार केली होती. याच घटनेनंतर तणावात असलेल्या मॅथ्यूने आत्महत्या केल्याचं उघड झालं होतं.

पत्रकार पूनम अग्रवाल यांनी सेवानिवृत्त लष्करी अधिकारी दीपचंद यांच्या मदतीने आर्टिलकी क्षेत्रात शूटिंगला मनाई असतानाही, तिथे शूटिंग करुन व्हिडीओ क्लिप्स व्हायरल केल्या. या व्हिडीओ क्लिपमुळे तणावात असलेल्या रॉय मॅथ्यू यांनी आत्महत्या केल्याचा आरोप दोघांवर आहे.
डीएस रॉय मॅथ्यू हा भारतीय लष्कराच्या तोफखाना विभागात अर्थात आर्टिलरीत गनर या पोस्टवर होते.
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कैसे “The Quint” की पत्रकार पूनम अग्रवाल ने सेना के जवान रॉय मैथ्यू की हत्या कर दी
पूनम अग्रवाल नामक पत्रकार जसूसी कैमरा पहनकर महाराष्ट्र के आर्मी कैंटोनेन्ट में घुसती है, और चुपके से सिपाही रॉय मैथ्यू के साथ हुई अनौपचारिक वार्तालाप रिकॉर्ड कर लेती है,
सिपाही स्पष्ट कहता है की जो भी काम दिया जाता है उससे उसे कोई परेशानी व् आपत्ति नहीं है,
किंतु पूनम अग्रवाल उस वीडियो को एडिट कर सनसनीखेज बना देती है, और ये दर्शाने का प्रयास करती है कि सेना में जवानों पर जुल्म ढाये जाते है, और बिना उस जवान की जानकारी के वो वीडियो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मस पर पूनम अग्रवाल द्वारा फैला दिया जाता है,
पूनम अग्रवाल का प्रयास था कि जैसे खाने की गुणवत्ता को लेकर आये जवान के वीडियो ने हंगामा खड़ा किया था व् सेना की छवि धूमिल की थी उसी प्रकार इस वीडियो से उससे भी बड़ा हंगामा खड़ा किया जाए, सेना की छवि जनता के बीच और खराब की जाए और फिर स्टिंग का श्रेय लेकर प्रसिद्धि व् शौहरत कमाई जाए,
किन्तु एडिट किया हुआ वीडियो सामने आने के बाद सिपाही रॉय मैथ्यू बड़े दबाव में था और 25 फरवरी 2017 को अपने रहने के स्थान से भाग गया और 2 मार्च 2017 को एक निर्जन स्थान पे जवान रॉय मैथ्यू का शव मिला, रॉय ने आत्महत्या कर ली थी, रॉय मैथ्यू की एक पत्नी और छोटा बच्चा है जिनका रो रोकर बुरा हाल है,
हमारे जवानों को केवल आतंकवादी या प्राकृतिक आपदाएं ही नहीं मारती हैं बल्कि ये पत्रकार रुपी गिद्ध भी उनके प्राण लेने में पीछे नहीं हैं, एक निर्दोष जवान का खून और उसकी पत्नी और बच्चे के जीवन को नष्ट करने का अपराध पत्रकार पूनम अग्रवाल के सर है,
ध्यान देने योग्य बात ये हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद से ही मिडिया व् नेता मिलकर सेना को नीचा दिखाने व् छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, सोचने की बात ये भी है कि कहीं ये किसी षडयंत्र के तहत तो नहीं किया जा रहा जिसमे देश के दुश्मन भी मिले हुए हों ?
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